आज बहाल
होगा गोरखपुर रेलखंड पर
यातायात गोरखपुर रेलखंड से होकर रेल यात्रा करने वालों के लिए अच्छी खबर है। नॉन इंटरलॉकिंग के कारण बंद हुआ ट्रेन संचालन गुरुवार से बहाल होगा। बीती 27 नवंबर से बाराबंकी- गोरखपुर रेल दोहरीकरण के लिए चल रहे नॉन इंटरलॉकिंग (एनआई) का काम बुधवार को पूरा कर लिया गया। इसके बाद प्रयोग के तौर पर शाम 4:40 बजे मालगाड़ी का संचालन किया गया, बाद में शाम 5:30 बजे पहली ट्रेन दून एक्सप्रेस का संचालन किया। इसके बाद इस रेलखंड को ट्रेनों के संचालन के लिए खोल दिया...
more... गया। इस कारण बीती 27 नवंबर से निरस्त चल रही 24 ट्रेनों का संचालन बहाल कर दिया गया जबकि बदले मार्ग से चल रहीं 48 ट्रेनें गुरुवार से अपने पूर्ववत् मार्ग से चलेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर से बाराबंकी तक करीब 280 किलोमीटर रेडखंड के दोहरीकरण का काम तीन साल पहले शुरू किया था। इस साल मई तक गोरखपुर से जहांगीराबाद तक करीब 250 किलोमीटर रेलखंड का देाहरीकरण पूरा कर लिया गया था। जबकि जहांगीराबाद से बाराबंकी के बीच 30 किलोमीटर तक एनआई न होने के कारण एकल लाइन पर ट्रेनें 30 से 35 मिनट तक क्रॉसिंग होने का इंतजार करती थीं। उत्तर रेलवे ने बीती 27 नवंबर से चार दिसंबर तक मेगा ब्लॉक लेकर बाराबंकी से जहांगीराबाद तक एनआई का काम शुरू किया था। इस कारण रेलवे को गोरखपुर इंटरसिटी सहित 24 ट्रेनों का संचालन निरस्त करना पड़ा था। जबकि राप्ती सागर एक्सप्रेस सहित 48 ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए थे। एनआई के बाद बुधवार शाम से नए रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है। रेलवे ने एनआई के कारण सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस, लखनऊ- गोण्डा पैसेंजर,गोरखपुर- यशवन्तपुर एक्सप्रेस, लखनऊ- बाराबंकी मेमू और गोरखपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस को रद्द किया था। जबकि बाघ एक्सप्रेस,अवध एक्सप्रेस,बरौनी एक्सप्रेस,बरौनी मेल,सप्तक्रांति एक्सप्रेस
और जनसाधारण एक्सप्रेस सहित एक दर्जन ट्रेनें लखनऊ न आकर विभिन्न रेलमार्गों से बाहर से ही गुजर रही थीं। बाघ एक्सप्रेस के बुढ़वल- सीतापुर के रास्ते निकल जाने के कारण नैनीताल जाने के लिए
लखनऊ का संपर्क कट गया था। राप्ती सागर एक्सप्रेस और कुशीनगर एक्सप्रेस भी बदले मार्ग से लखनऊ के रास्ते बहुत देर से लखनऊ पहुंच रहीं थी। और आसान होगा सफर गोरखपुर से बाराबंकी तक रेल दोहरीकरण के लिए बाधा बने बाराबंकी-जहांगीराबाद
रेलखंड पर ट्रेन संचालन शुरू होते ही हजारों यात्रियों को रोजाना होने
वाली परेशानियां भी दूर हो गईं। दरअसल गोरखपुर से जहांगीराबाद तक दोहरीकरण के कारण बिना बाधा के चल रहीं ट्रेनें यहां बाराबंकी- जहांगीराबाद के 30 किलोमीटर रेलखंड के एकल लाइन होने के कारण खड़ी हो जाती थीं। एकल लाइन में एक ट्रेन को रोककर दूसरी ट्रेन को गुजारा जाता था। इस कारण खड़ी होने वाली ट्रेनों के यात्रियों को 20 से 25 मिनट तक इंतजार करना पड़ता था। पूर्वोत्तर रेलवे केडीआरएम अनूप कुमार ने बताया कि बाराबंकी - जहांगीराबाद का रेल दोहरीकरण भी पूरा हो गया। रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण
के बाद इस रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से शुरू कर दिया गया है। यहां 15 दिन बाद ट्रेन की गति बढ़ाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी जाएगी। इसके तीन माह बाद इस रेलखंड पर ट्रेनें 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकेंगी। एनआई के बाद ट्रेनें क्रॉसिंग के लिए नहीं खड़ी होंगी। अगले साल जारी होने वाले टाइम टेबल में कई ट्रेनों के 30 से 45 मिनट के समय बचेंगे। साथ ही इस रेलखंड पर अधिक ट्रेनों का संचालन हो सकेगा।