साथ रेलवे के सुरक्षा, यातायात और इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ अफसर भी थे।
40 ट्रेन दौड़ती हैं लेकिन सिंगल लाइन से गति धीमी
इंदौर-देवास-उज्जैन लाइन पर सिंगल पटरी होने से 40 ट्रेन के आवागमन में परेशानी आती है। 2016 के बजट में इसकी घोषणा की थी। एस्टीमेट रतलाम मंडल को मिल चुका है। डबल लाइन होने से इंदौर और आसपास के स्टेशनों पर ट्रेन का दबाव कम होगा। 79 किलोमीटर के रूट पर ट्रेन बिना रुके दौड़ सकेंगी।
प्रोजेक्ट पर खर्च हाेंगे 460 करोड़ रुपए
प्रोजेक्ट पर 460 करोड़ रुपए खर्च होंगे। रेलवे ने नीति आयोग को यह प्रोजेक्ट भेजा था। सिंगल ट्रैक होने के कारण फिलहाल सुबह आने वाली ट्रेनों के यात्रियों को परेशानी होती है। इंदौर-उदयपुर, अवंतिका, सरायरोहिल्ला, इंटरसिटी, पेंचवेली फास्ट पेसेंजर, मालवा एक्सप्रेस, नर्मदा एक्सप्रेस, इंटरसिटी एक्सप्रेस, भिंड एक्सप्रेस सहित 18 से अधिक ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ता है।
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चिंतामण गणेश स्टेशन पर बनेंगे तीन ट्रैक, लेकोड़ा में बुकिंग स्टेशन
उज्जैन-फतेहाबाद के बीच 22 किलोमीटर रेल लाइन के गेज परिवर्तन के साथ ही दो स्टेशन को नया रूप दिया जाएगा।
चिंतामण गणेश स्टेशन पर बनेंगे तीन ट्रैक, लेकोड़ा में बुकिंग स्टेशन
उज्जैन-फतेहाबाद के बीच 22 किलोमीटर रेल लाइन के गेज परिवर्तन के साथ ही दो स्टेशन को नया रूप दिया जाएगा। यह हैं चिंतामण और लेकोड़ा। पूरे ट्रैक में चिंतामण ऐसा एकमात्र स्टेशन होगा, जहां पर तीन लाइन के साथ एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) भी होगा। लेकोड़ा स्टेशन पर टिकट बुकिंग भवन बनाया जाएगा। इसके साथ शिप्रा स्टेशन का भी नवीनीकरण होगा लेकिन यहां न तो यात्री बैठ सकेंगे न उतर सकेंगे। यह रेलवे अफसर-कर्मचारियों के लिए होगा। रेलवे की जमीन के अलावा 3.59 हेक्टेयर जमीन और अधिग्रहित करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। यहां रेलवे ने दिसंबर 2017 में पटरियां उखाड़ दी थी। इसके बाद समतलीकरण तो किया लेकिन नई पटरियां बिछाने का काम अब तक शुरू नहीं हो पाया। फरवरी 2014 से बंद इस ट्रैक पर दिसंबर 2019 से ट्रेनों के संचालन का लक्ष्य रखा है। अर्थवर्क की टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इस कारण पटरियां डालने के काम में देरी हो सकती है। जिस गति से काम चल रहा है उससे दिसंबर 2020 तक भी ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन होता दिखाई नहीं देता।
टैंडर के काम अंतिम चरणों में
उज्जैन-फतेहाबाद के बीच ब्रॉड गेज के लिए टैंडर का काम अंतिम चरणों में है। पटरियां निकाल ली हैं। दो स्टेशनों को नया रूप दिया जाएगा। - आरएन सुनकर, डीआरएम
उज्जैन-फतेहाबाद रेल मार्ग में दो स्टेशन को मिलेगा नया रूप, पटरियां उखाड़ने के बाद ट्रैक का समतलीकरण होगा
चिंतामण रेलवे स्टेशन पर पटरियां उखाड़ने के बाद ट्रैक का समतलीकरण हो गया है। यहां पर तीन लाइन बिछाई जाएंगी।
3 बड़े और 26 छोटे पुुल-पुलिया बनाए जाएंगे
उज्जैन से फतेहाबाद के बीच 29 पुल-पुलिया बनाए जाएंगे। जिनमें 3 बड़े पुल व 26 छोटी पुलिया शामिल हैं। दो लेवल क्रासिंग गेट और 5 लिमिटेड हाईट सबवे बनाए जाएंगे।
2019 के पहले ही काम पूरा करने का दावा
उज्जैन-फतेहाबाद गेज परिवर्तन के तहत जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। तकनीकी अड़चनें नहीं आई तो दिसंबर 2019 के पहले ही काम पूरा कर दिया जाएगा।
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