Hii friends! This is a Hindi poetry written by me in early 2020, during my stay for Graduation in Varanasi. In that three years, I had travelled a lot in Budhpurnima Exp between Varanasi and my hometown, Bihar Sharif. Hope, it is worth the train 🚆🙂.
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बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस.....
चले...
more... बुद्ध के पदचिन्हों पर।
रात्रि की साथी है ये...
जोड़े मगध से काशी ये।
तप-ज्ञान की स्थली से जोड़े...
धर्म-चक्र गतिमान ये।।
मगही - भोजपुरी का मिलन है ये...
पितृ - मोक्ष का संगम।
ज्ञान नगरी की हमराही है ये...
नालंदा, उदंतपुरी, काशी पीठम्।।
राजगृह - पाटलिपुत्र से लेकर...
शेरशाह महान तक।
विष्णुपद मंदिर से लेकर...
विश्वनाथ महान तक।।
हैं पुरातन मंजिल इसके...
जहां पड़े बुद्ध के कदम।
बुद्ध नगरी की सैर कराती,
सिखाती सत्य-अहिंसा धर्म।।
बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस.....
चले बुद्ध के पदचिन्हों पर।