और मुझे लगता है कि शायद तुम सरकारी नौकरी निकाल नहीं पाए इसीलिए तुम यह सब बकवास कर रहे हो, और शुक्र मनाओ उस बैंक का जिसने तुम्हारा 2 घंटे में खाता खोल दिया वरना मेरी शाखा में होते ना तो 2 दिन लग जाते खाता खोलने में 40,000 खाते हैं मेरी शाखा में उनके ऊपर चार का स्टाफ है जिसमें 2 लोग लोन देखते हैं कभी वर्क लोड देखा है प्राइवेट का और सरकारी बैंक का तभी तुलना करना उस भीड़ की जो एसबीआई में लगती है और एचडीएफसी बैंक में लगती है तब बात करना जो मन मैं आया वही लिख दिया
और हम तो सरकारी वाले हैं प्राइवेट वालों से ज्यादा मेहनत करते हैं , प्राइवेट हो जाएंगे...
more... तो गम नहीं लेकिन क्या इस देश की जनता प्राइवेट बैंक झेल पाएगी, 70 करोड़ आबादी आज भी बीपीएल में आती है भारत की प्राइवेट बैंक के 10,000 से 20,000 वाले मिनिमम बैलेंस के खाते मेंटेन कर पाएंगे , प्राइवेट बैंक का सर्विस चार्ज दे पाएंगे वह लोग जो जीरो बैलेंस में सरकारी बैंक में खाता खुलवा लेते हैं, और जिस दिन ही सरकारी बैंकों की भीड़ तुम्हारे प्राइवेट बैंकों में घुस गई ना बर्दाश्त नहीं कर पाओगे एक दिन समझे आई कस्टमर सर्विस की बात करने /