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इसी माह दौड़ेगी गोरखपुर से छपरा तक विद्युत ट्रेन
Tue, 07 Apr 2015 10:51 PM (IST)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे में पैच डबलिंग (दोहरीकरण) के बाद विद्युतीकरण का कार्य...
more... तेज गति से चल रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो जून तक लखनऊ से छपरा तक बिजली की ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। फिलहाल, गोरखपुर से भटनी तक 65 किमी रेल खंड का विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। 20 से 25 अप्रैल तक रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) इस रूट का निरीक्षण कर सकते हैं। इस माह के अंत तक गोरखपुर से छपरा तक विद्युत ट्रेन दौड़ने लगेगी।
पूर्वोत्तर रेलवे में बाराबंकी से छपरा तक लगभग 425 किमी रेल खंड का विद्युतीकरण होना है। वाराणसी मंडल में भटनी से छपरा 115 किमी रेल खंड का विद्युतीकरण पिछले वर्ष से ही पूरा हो गया। इस रूट पर मालगाड़ी चल रही हैं। अब गोरखपुर से भटनी 65 किमी रूट का भी विद्युतीकरण हो चुका है। रेल संरक्षा आयुक्त की हरी झंडी मिलते ही छपरा से गोरखपुर तक बिजली की ट्रेन दौड़ने लगेंगी। अब बचा लखनऊ मंडल का कार्य। यहां भी बाराबंकी से गोंडा रूट पर विद्युतीकरण हो चुका है। मालगाड़ियां चल रही हैं। बाकी, गोंडा से गोरखपुर तक का कार्य भी जून तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद लखनऊ से छपरा तक सीधे इलेक्ट्रिक गाड़ियां फर्राटा भरने लगेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर जंक्शन पर भी चार लाइनों पर विद्युतीकरण पूरा हो चुका है। अन्य लाइनों पर भी तेजी से काम चल रहा है। हर हाल में जून तक बाराबंकी से छपरा तक का विद्युतीकरण पूरा कर लिया जाएगा। महाप्रबंधक राजीव मिश्र के दिशा- निर्देश में गोरखपुर से गोंडा रूट पर चल रहे कार्य को भी तेज कर दिया गया है। गोरखपुर से भटनी रूट के सीआरएस निरीक्षण के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। निरीक्षण के बाद विद्युत ट्रेनों के लिए लाइन खुल जाएगी। यहां जान लें कि वर्ष 2008 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने विद्युतीकरण की घोषणा की थी। 2012 तक लगभग 600 करोड़ में पूरा होने वाली यह परियोजना के लिए रेलवे को करीब 800 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। फिलहाल, सेंट्रल आर्गनाइजेशन फार रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन ने टाटा प्रोजेक्ट को विद्युतीकरण का कार्य सौंपा है।
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मिलेगी राहत,
- रेलवे के खर्च में आएगी कमी।
- पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलेगा।
- समय की बचत होगी, ट्रेनें बढ़ेंगी।
- स्टेशनों पर बिजली की व्यवस्था।
- तेल से संभावित दुर्घटनाएं खत्म।