तस्वीर में: एट कोंच शटल ट्रेन के लोको पायलट।
लोको पायलट केके पटेरिया बताते हैं कि पहले वह लंबी दूरी की ट्रेन चलाते थे, लेकिन इस ट्रेन का सफर उत्साहित करने वाला है। उन्होंने बताया कि यह कम दूरी की और छोटी ट्रेन जरूर है, लेकिन इसका सफर बहुत रोचक है। यह एकल पद्धति से चलने वाली देश की एक मात्र ट्रेन है। कई बार लोग इसे सिर्फ देखने के लिए आते हैं। इसलिए भी इसे चलाना काफी आनंददायक लगता है।
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ट्रेन बंद करने की है सुगबुगाहट
एट-कोंच शटल डीजल से चलती है। यह ट्रेन दोनों स्टेशनों के बीच रोजाना पांच चक्कर लगाती है। हर बार ट्रेन यात्रियों से भरी होती है। इसके बावजूद इस ट्रेन से रेलवे को घाटा हो रहा है, क्योंकि इसमें 60 से 70 लोग बिना टिकट के ही यात्रा करते हैं। इस कारण रेलवे प्रशासन एट-कोंच शटल ट्रेन का संचालन बंद करना चाहता है।
हालांकि, इस पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। रेलवे के अधिकारी बताते हैं कि कोंच स्टेशन तक यही एकमात्र ट्रेन जाती है। इसके लिए रेलवे ने जितना मैन पावर लगाया है उसकी खर्च निकलना तो दूर है, यहां तक कि स्टेशन मास्टर और गार्ड तक की तनख्वाह भी इस ट्रेन से नहीं निकलती।
आगे पढ़िए क्या कहते हैं इस ट्रेन से यात्रा करने वाले लोग…